देखते-देखते नवम्बर आ गया और साथ ही आ गया दीपों का त्योहार दीपावली... आपको याद है पिछली बार दीपावली के दिन ही हमारी लाडो हॉस्पिटल से घर आई थी... हाँ तब तिथि थी १४ नवम्बर और इस बार तिथि थी ४ नवम्बर... तब बेटी छुई-मुई सी, नाज़ुक सी, पूरी दुनिया से बेखबर किसी भी हलचल से अनजान... नन्ही पलकों के पीछे सपनों में खोई रहती थी... लेकिन आज वो समझदार... नटखट... चुलबुली.. और बड़ी ही प्यारी सी गुड़िया में बदल चुकी थी... नौ महीने में चलना शुरू कर देने वाली हमारी लाडली ने घुटनों की जगह सीधे पाँव से ही चलना शुरू कर दिया था और अब तो वो बिंदास दौड़ती-भागती घर के हर कोने को अपनी मीठी रुनझुन से आबाद किये रहती थी... और दीपावली के दिन तो बेटी बहुत-बहुत खुश थी... दीयों की रोशनी सी झिलमिलाती उसकी ख़ुशी... रंगबिरंगी रोशनियों सी चमकती उसकी आँखें... पूरे घर को रौशन करती उसकी खिलखिलाहटें... बस देखते ही बनती थीं... दीपावली का पावन पर्व बेटी की मुस्कुराहटों से पूरी तरह जगमगा उठा था... उन प्यारी खुशियों के कुछ मोती आज यहाँ पिरो कर लायी हूँ....
अरे वाह अभी से दीपावली की मस्ती....
ReplyDeleteएक बात तो बताना ही भूल गई ..रुनझुन का ब्लॉग भी फालो कर लिया, तुम भी आना....
ReplyDeleteWah ..khoob mast rahi yeh diwali to.... pyare pyare hain sabhi photos...
ReplyDeleteतो आने वाली दीवाली हम आपके साथ मनाएंगे :)
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कल 03/08/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
एक दम मस्त और मजेदार सदा खुश रहिये ..!
ReplyDeleteहमने भी अनुसरण कर लिया आपके ब्लॉग का .....आप भी चलते -चलते आना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ..... अब आने वाली दिवाली में साथ में खुशिया बाटेंगे
ReplyDeleteसॉरी दीदी आने में देरी हो गयी मई भारत गयी हुयी थी दादा-दादी नाना-नानी से मिलने !
हमलोग दीवाली में खूब मस्ती करेंगे .अब तो मैंने रुनझुन को फोलो भी कर लिया है
ReplyDeletebhaut-bhaut bdhaayi....
ReplyDeletevery very nice post
ReplyDeleteइस साल और भी मस्ती होने वाली है दीपावली पर .. सुन्दर पोस्ट
ReplyDeleteAp jaise pyare bachche hi ham badon ke jeevan ki raunak hai.... Photo bade pyare hain beta...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
ReplyDeletebahut maja aaya hoga n!
ReplyDeletebahut badiya deewali prastuti..
रुनझुन अभी ही दीवाली का रंग भी दिखा गयी तो दिवाली में क्या और स्टाक रखना -सुन्दर छवियाँ पटाखों से दूर ही रहना धुवां भी एलर्जी पैदा करता है -
ReplyDeleteभ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteलिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
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बच्चों का तो हर दिन होली और हर रात दिवाली।
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कम्प्यूटर से तेज़!
इस दर्द की दवा क्या है....
मेरी बातें सुनने और उन्हे पसंद करने के लिये आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!!!... ये सब तो मेरी पुरानी बातें हैं न, जो आपको अब पता चल रही हैं...लेकिन हाँ आने वाली दीपावली तो अब मैं आप सब के साथ ही मनाउँगी...यशवन्त अंकल ये मेरा पक्का वादा है आप सबसे...और हाँ सुरेन्द्र शुक्ला अंकल मैं आपकी बात भी ज़रूर ध्यान में रखूँगी... एक बार फिर आप सबको मेरा बहुत-बहुत धन्यवाद!!!
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