तीन महीने में उसने पहली बार खुद से करवट बदली... फिर धीरे-धीरे पेट के बल पूरा पलटना, फिर बैठना....
और अब पेट के बल सरकना भी शुरू कर दिया था... सरकने की अदा भी रुनझुन की बिलकुल निराली थी... पेट के बल होकर पहले एक के ऊपर एक हथेली रखकर दोनों हथेलियों को जोड़ती और फिर कुहनियों से पीछे को धक्का मारते हुए आगे सरक जाती...
ऐसा लगता मानो किसी बंकर में घुसने की प्रैक्टिस कर रही हो... और आँखें इतनी तेज़ कि सरसों से भी छोटी कोई काली चीज़ अगर फ़र्श पर पड़ी हो तो वहाँ निगाह थम जाती और उसे अपनी नन्ही सी उँगली और अँगूठे के बीच पकड़ ऊsss...ऊsss...ऊsss... की आवाज़ के साथ बड़े ही खतरनाक इरादे से देखती... हम ज़रा सा चूके नहीं कि वो चीज़ मुँह के अन्दर...
हम्म्म... कुछ तो मिल गया मुझे !!! |
ये देखिये क्या बैलेंस है!!! |
अरे संभलकर कहीं गिर न पड़ना! |
ये हैं मेरे खिलौने!... देखिये कित्तेsss प्यारे-प्यारे हैं!!! |
तो सबसे पहले तो इन्हें गिरा दूँ...नहीं-नहीं मेरा मतलब है इनसे खेल लूँ... |
आप मुझे गन्दा बच्चा मत समझिएगा... मैं फिर सब उठा के रख भी दूँगी... मैं अच्छी और समझदार बच्ची हूँ न.... और चलिए अब मम्मी का ड्रेसिंग टेबल चेक करना है...
अरे वाह! इसमें तो मैं दिख रही हूँ... ये मेरी नाक और ये मुँह! ही-ही-ही... मज़ा आ गया... |
आइये!... अब आपको कुछ और दिखाती हूँ...
ओह हाँ ये!.... बेड का शेल्फ!!.... |
इसे खोल कर देखती हूँ पता नहीं मम्मा इसमें क्या रखती है?... पर चाभी कौन सी लगेगी....?
अरे वाह! खुल गया सिमसिम!! लेकिन इसमें है क्या ?...अन्दर घुस कर देखूँ तो ज़रा...
अरे! ये गोल-गोल क्या है!!! |
कोई बात नहीं कुछ देर इससे ही खेल लेती हूँ..
अब बस! इसे रख दूँ और कहीं और चलूँ... |
हाँ! ये रही वाशिंग मशीन!!! |
मम्मी रोज़ मेरे कपड़े इसके अन्दर डाल देती है... पर ये तो बहुत ऊंचा है... मैं इसके अन्दर झाँक भी नहीं सकती!!!
अच्छा छोड़ो इसे... चलो सीढ़ियों की तरफ चलें....
ऊँsss.... यहाँ तो मम्मी ने ताला लगा दिया... अब...? |
अरे वाह! कित्ताsss बड़ा आम !!! |
ये मुझे बहुत पसंद है...मम्मी तो काट के चम्मच से खिलायेगी... लेकिन मुझे चूस के खाना है... श्श्श... आप मम्मी से मत कहियेगा... मैं खुद ही खा लेती हूँ...
बूsss हूsss हू sss... |
मम्मा ने मुझे जेल में... मेरा मतलब है कमरे में बंद कर दिया मैं बहुत शरारत कर रही थी न... और...और... वो... मैंने आम भी बिना धुले खाना शुरू कर दिया था न... इसलिए मम्मा गुस्सा हो गई...
कोई बात नहीं.... मम्मा को मनाना तो मेरे बाएँ हाथ का काम है...
ये देखिये मैं मच्छरदानी में फँस गई और मम्मी को हँसी आ गई... |
बस! गुस्सा छू.....है न कमाल!....
अच्छा अब बाय-बाय... गुड नाइट... फिर मिलूँगी....
very very nice post.
ReplyDeleteabhar aapka
ReplyDeletesundar blog
ReplyDeletePyari Runjhun kee activity dekhna bahut hi achha laga... meri bahan ke ghar mein bhi ek nanha pyara mehmahan aaya hai..aajkal usi ke sewa ho rahi hai...
ReplyDeletebahut badiya blog laga... bachhe mujhe behad pyare lagte hai....
prastuti ke liye dhanyavaad!
Wow...Cute Runjhun...Mast activities.
ReplyDeleteVery nice.
ReplyDeleteCute Runjhun.
at this age.. she used to be the most bindaas person ever possible!! :) always with smile.. aur meri tarah jeebh ghuma kar hasna!! *touch wood* wish she'll always have lots to enjoy with..
ReplyDeletei always remember those words...
"komalllllllll mauchiii"
:)
ya! Komalllllllll mouchiii...:-)
ReplyDelete:)
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