Friday, February 15, 2013

वर दे वीणावादिनी वर दे....


ॐ सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी |
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ||

विद्या की देवी हंसवाहिनी माँ सरस्वती को मेरा शत-शत नमन !!!


नमस्कार दोस्तों !

कैसे हैं आप सब ?

वसंत पंचमी के पावन अवसर पर विद्या की देवी माँ सरस्वती विद्या और ज्ञान का भंडार लेकर आपके घर पधारे...यही प्रार्थना है मेरी

दोस्तों, यहाँ गांधीधाम में सरस्वती पूजा के बारे में कुछ पता ही नहीं चलता... स्कूल भी खुले रहते हैं और अन्य दिनों की तरह ये दिन भी बीत जाता है लेकिन...... जब मैं पटना में रहती थी तब हम सब इस दिन को खूब धूम-धाम से मनाते थे ....  छोटे से लेकर बड़े तक इस पर्व का हिस्सा बनते थे....

ग्राउंड फ्लोर पर माँ सरस्वती का पंडाल बनता था जहाँ एक दिन पहले ही उनकी मूर्ति रखी जाती थी... अपार्टमेंट के सारे बच्चे मूर्ति का मुंह खुलने के पहले पंडाल को सजाया करते थे और फिर पूजा के दिन हम सब साड़ियाँ पहन कर पूजा के लिए इकट्ठे हो जाया करते थे... उस दिन पूजा में बच्चे ही मुख्य होते थे... बड़े बच्चे जो 10th या 12th क्लास में होते थे वो उस वर्ष मुख्य पूजा में बैठते थे.... पूजा के बाद हम सब बच्चे और बड़े सारे दिन हर आने-जाने वालों को प्रसाद वितरित करते थे.... शाम को कल्चरल प्रोग्राम भी होते थे....

अगले दिन दोपहर तक माँ का विसर्जन होता था... लगभद डेढ़ दिन के इस पर्व का हम सब बच्चे साल भर बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार करते थे...  

कुछ तस्वीरें यादों के झरोखे से........

माँ सरस्वती के आँचल में मैं और मेरा भाई शाश्वत 



मैं और मेरी मित्र-मंडली विभिन्न मुद्राओं में......











ये है भाई की मित्र-मंडली.........






अभी-अभी मुझे मम्मी ने बताया कि यहाँ आदिपुर बंगाली असोसिएशन क्लब के द्वारा सरस्वती पूजा आयोजित की गयी है.... तो मैं जा रही हूँ माँ के दर्शन करने.... आपसे फिर मिलूंगी... तब तक के लिए आप सबको नमस्कार और वसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनायें !!!



Friday, November 30, 2012

बार-बार दिन ये आये....:)... (Part-2)


पिछली पोस्ट में आप सबके साथ अपने जन्मदिन की कुछ यादें शेयर कर रही थी न! तो बस आज उन्हीं यादों की अगली कड़ी लेकर हाज़िर हूँ

ये है 7 नवम्बर 2005 की कुछ यादें इस वर्ष मेरे साथ मेरा प्यारा भाई भी था  और इस बार का केक मेरा अब तक का सबसे सुन्दर केक था.... पिंक कलर की प्यारी सी सुन्दर सी डांसिंग डॉल... सच्ची इस केक को तो काटने का ही मन नहीं कर रहा था..... आप भी देखिये.... 


है न केक बहुत ही सुन्दर !!!
 पहले तिलक...

And then...  Blow.....!!!

और अब ये लीजिये केक भी कट गया  

सबसे पहले केक मेरे प्यारे भाई को 

उसके बाद मेरी बारी 

 इस साल मैंने अपनी उम्र के चार वर्ष पूरे किये थे... और उसके बाद यानि 7 नवम्बर 2006 में मैंने अपना जन्मदिन पटना में मनाया था... इस बार मेरे दोस्तों की पूरी टोली मेरे साथ थी.....

ये रही हमारी टोली...  
इस बार दादू भी मेरे साथ थे 











और अब आपको बताती हूँ उस जन्मदिन के बारे में जो मेरे लिए अब तक का सबसे सरप्राईजिंग बर्थडे था.... सबकुछ एकदम सपने जैसा..... 7 नवम्बर 2009.... मम्मी ने मुझे रोज़ की तरह स्कूल जाने के लिए सुबह पांच बजे उठा दिया.... पूरे घर में अँधेरा था... मैं जैसे ही वाशरूम से बाहर आई, मुझे ड्राइंग रूम की तरफ से रंग-बिरंगी हलकी रोशनी आती दिखाई दी... मैं उस तरफ बड़े कौतूहल के साथ बढ़ी और तभी धीमे-धीमे गाने की आवाज़ सुनाई पड़ी.... "तू जिए हजारों साल............. " मैंने देखा डी वी डी पर ये गाना बज रहा था और वही से ये रोशनी भी आ रही थी... मैं वहीँ पर रखे सोफे पर बैठ कर मंत्रमुग्ध सी देखने लगी.... अब तक मेरी नींद पूरी तरह से खुल चुकी थी, तभी अचानक मेरी निगाह कमरे में रखे टेबल की तरफ गयी... हलकी रोशनी में वहां कुछ चमक रहा था मैं आश्चर्यचकित सी वहां पहुंची तो देखा टेबल पर ढेर सारे गिफ्ट्स रखे हैं.... मैं हैरानी से उसे देख ही रही थी कि तभी मम्मी ने लाईट ऑन की और बड़े ही प्यार से मुझे जन्मदिन की बधाई दी... मैं तो एकदम चकित थी ऐसा लग रहा था मानो मैं कोई सुन्दर सपना देख रही हूँ.... और फिर उसके बाद तो पूरा दिन बहुत ही स्पेशल था.... आइये आपको भी दिखाती हूँ... 


टेबल पर रखे ढेर सारे प्यारे-प्यारे गिफ्ट्स 

उन गिफ्ट्स में सबसे प्यारी थी ये सुन्दर सी डॉल  

है न बिलकुल Chubby Chicks....!!! 

मैं और मेरी प्यारी डॉल 
प्रभा आंटी जिन्हें हम सब बच्चे टीचर आंटी कहते थे 




प्यारा सा बटरफ्लाई केक और ढेर सारे दोस्त 


स्पेशल लोटस कैंडल 










आप सब शायद बोर हो गए होंगे लेकिन मुझे अपने जन्मदिन की फ़ोटोज़ देखना बहुत पसंद है... आप सबको दिखने के बहाने मेरी सारी यादें ताज़ा हो गयी और मुझे बहुत मज़ा आया.... अब चलती हूँ जल्दी ही फिर मिलूँगी... तब तक के लिए.... बाय-बाय... !!!



Saturday, November 24, 2012

बार-बार दिन ये आये....:)... (Part-1)


दोस्तों,
दीवाली के साथ ही जुड़ा होता है मेरा जन्मदिन... कभी दीवाली से थोड़ा पहले, कभी दीवाली के तुरंत बाद... यानि दीवाली के आस-पास ही... और इसीलिए दीवाली पे मेरा उत्साह दोगुना हो जाता है... इस बार भी दीवाली से मात्र छ: दिन पहले यानि 7th नवम्बर को मेरा जन्मदिन था...  

इस बार मेरे जन्मदिन के दिन स्कूल खुला था इसलिए मुझे casual dress में स्कूल जाना था... घर से मम्मी-पापा का आशीर्वाद लेकर मैं स्कूल पहुंची तो सबसे पहले मेरे फ्रेंड्स ने मुझे विश किया और क्लास-टीचर ने ढेर सारे आशीर्वाद दिए और फिर मैंने सबको टॉफियाँ भी दी...

   मैं हमेशा अपना जन्मदिन घर में ही मनाती थी लेकिन यहाँ पर मेरे स्कूल फ्रेंड्स कुछ गांधीधाम और कुछ आदिपुर में रहते हैं सबके घर काफी दूर-दूर हैं जिससे ढूँढ़ने  में बहुत मुश्किल होती है इसलिए यहाँ ज़्यादातर फ्रेंड्स किसी रेस्ट्रा या होटल में सेलिब्रेट करते हैं जिससे सबके लिए पहुँचना आसान हो जाता है, इसीलिए इस बार मम्मी-पापा ने शाम को एक होटल में मेरे दोस्तों का छोटा सा गेट-टुगेदर रखा था... हमने वहां खूब इन्जॉय किया...  

ये हैं उस स्पेशल दिन के  कुछ चित्र....

मेरे पड़ोस में रहने वाले दोस्त 

मेरी स्कूल फ्रेंड्स 



धमाल-मस्ती 

केक तो काटना ही था 





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हर नए जन्मदिन पर पिछले जन्मदिन की यादें भी ताज़ा हो जाती हैं... और मेरे कुछ जन्मदिन तो बहुत ही यादगार और स्पेशल रहें हैं... क्यों, ये मैं बाद में बताउँगी पहले आप को पुरानी सारी  फोटोग्राफ्स दिखाती हूँ... 
तो सबसे पहले पिछले साल यानि 7 नवम्बर 2011 की कुछ यादें... ये मेरा गांधीधाम में पहला जन्मदिन था जो मैंने मम्मी-पापा और भाई के साथ मनाया था....







































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और अब बारी 7 नवम्बर 2010 की... इस बार मैं नानी के पास बनारस में थी... मेरे छोटे मामा यानि राजन मामा का भी जन्मदिन इसी दिन होता है, इसलिए इसबार पहली बार हम दोनों ने एकसाथ केक काटा... आप भी देखिये..... 





सबसे पहले नानी ने हम दोनों को तिलक लगाया 






ये रहा केक, राजन (मामा) और तोषी (मेरा) का 

हम दोनों ने एक साथ केक काटा 






फिर गिफ्ट और केक 





फिर कुछ फोटो सेशन 



पापा-बेटी 




प्यारी-प्यारी मौसियाँ 





  
                     
नटखट प्यारा भाई 





       क्यूट सिस्टर्स 


स्माइल प्लीज़ 


कुछ और यादें पार्ट टू में.... ज़रूर देखिएगा......  








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