7 नवम्बर 2002... ठीक एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन हमारे आँगन में ये नन्ही कली खिली थी जिसकी मीठी खुशबू हमारे दिलों से लेकर घर के कोने-कोने में रच-बस गयी है... इस पूरे साल का हर एक दिन... सुबह और शाम... इस नन्ही परी के साथ हमारे जीवन में अनूठी खुशियों की सौगातें लेकर आया था... पल-पल बढ़ती बेटी की नित नवीन छवियों, मन-मोहनी अदाओं से हमारा जीवन खिलखिला उठा था... और उसके जन्म की ये पहली सालगिरह भी कुछ कम अनूठी नहीं थी... आइये आपको भी दिखाते हैं... तितली सी उड़ती... फूलों सी खिलती... परियों की इस शहजादी ने कैसे -कैसे जलवे बिखेरे थे उस दिन.....
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as usual सुबह-सुबह गंगे-गंगे... |
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और फिर दादू के साथ ॐ विष्णु..ॐ विष्णु...(पूजा)... |
सारे दिन घर के कामों में मम्मी की मदद और फिर शाम की पार्टी की तैयारी... बहुत-बहुत बिज़ी थी बेटी उस दिन...
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केक सुन्दर है न!... बेटी की ही पसंद है... |
केक काटने के पहले जब सारी मोमबत्तियाँ जल गयी तो दादू डर रहे थे कहीं बेटी जलती कैंडल न छू दे......लेकिन बिटिया रानी की निगाहें तो कहीं और ही टिकी थीं....
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अचरज भरी निगाहें मोमबत्ती की चमकती लौ को निहार रही थीं ...एकटक ... |
और अगले ही पल.....Wow!.... तालियाँ !!...केक कट गया!!!...लेकिन बेटी ने तो इसे छुआ भी नहीं, क्योंकि बेटी को तो मीठी चीजें बिलकुल पसंद नहीं......
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ना ! केक भी नहीं..... |
कोई बात नहीं केक कट तो गया ही और अब बारी थी सारे गेस्ट को थैंक्यू कहने की...सबने बेटी को अपना ढेर सारा प्यार और उपहार जो दिया था तो बेटी को भी तो रिटर्न गिफ्ट्स देने थे न....
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बेटी ने उन्हें थैंक्यू कहा... |
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उनसे बातें की... प्यारा सा अप्पा भी दिया.... |
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और अपने गिफ्ट्स भी दिखाए... |
और उसके बाद कुछ देर अपनी फ्रेंड्स के साथ उसे खेलना भी तो था....... लेकिन ये क्या....?........
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मुझे वॉकर में नहीं बैठना... मुझे दौड़-भाग कर खेलना है... |
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...अरे भाई , कोई तो मेरी फ्रेंड को समझाओ... |
खैर... आख़िरकार पार्टी ख़त्म हो गयी.... सब लोग वापस चले गए... लेकिन बिटिया रानी अब भी खुश हैं...पता है क्यों...देखिये तो ज़रा...
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अब मैं कुछ देर अपने खिलौनों और गिफ्ट्स के साथ रहूँगी... |
लेकिन... तभी...
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ओफ्फोह! मम्मी क्यों बुला रही है?.....अभी कोई काम बचा है क्या.......!!! |
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जाना तो पड़ेगा ही .....ह्म्म्म....देखती हूँ क्या काम है.... |
बेटी तो नहीं समझी, पर आप सब तो समझ गए न!... रात बहुत हो चुकी थी.... सोने का समय हो चुका था और न चाहते हुए भी बिटिया रानी को सोने जाना पड़ा...अगली सुबह पूरे जोश-ओ-ख़रोश के साथ अपने नए-नए-दोस्तों... मेरा मतलब...खिलौनों के साथ खेलने के लिए...इसलिए फ़िलहाल आप सब से भी लेती हूँ विदा अगली मुलाक़ात तक के लिए....नमस्कार!!!
मेरे सारे दोस्तों को फ्रेंडशिप डे की हार्दिक शुभकामनाएँ... इस बार का ये फ्रेंडशिप डे तो मेरे लिए सचमुच बहुत ही खास है क्योंकि इस बार मुझे बहुत सारे नये-नए और अच्छे -अच्छे दोस्त मिल गए हैं... मुझे अपना दोस्त बनाने के लिए और मेरे इतने प्यारे दोस्त बनने के लिए आप सबका बहुत-बहुत शुक्रिया...
ReplyDeleteसुंदर फोटोस ..... हैप्पी फ्रेंडशिप डे....
ReplyDeleteNice Post..Happy Friendship day !!
ReplyDeleteरुनझुन सौरी मैं देर से यहाँ आ पाया :(
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगता है तुम्हारे बारे मे इतना कुछ जानकर।
फ्रेंडशिप डे की बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
With Love-
कल 09/08/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
सुंदर फोटोस ..... हैप्पी फ्रेंडशिप डे....
ReplyDeletehappy friendshipday....
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी सचित्र प्रस्तुति के लिये आभार के साथ मित्रता दिवस की शुभकामनाएं ।
ReplyDeletebahut sunder
ReplyDeletehappy friendship day
देर के लिए माफी चाहती हूँ ..मित्रता दिवस की शुभकामनाएँ ..
ReplyDeleteवाह ………रुनझुन से मिलकर अच्छा लगा।
ReplyDeleteबधाई रुनझुन...
ReplyDeleteफ्रेंडशिप डे की शुभकामनाएं....
hey Runjhun...
ReplyDeleteHappy friendship day... {belated}
:)
n aapki post bahut pyaari hai... give my beat wishes n love to your sister... she is so cute...
Hpaay beleted friendship day to runjhun,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
bu..hu..hu... :-( maine wo wala cake nahi khaayaa ... us party mei bhi naheen gayee...kyo ???
ReplyDeleteरुनझुन का ब्लोग पढ़ना...यानी टाइम-मशीन में बैठ जाना और बरसों पीछे जाकर अपनी प्यारी सी नन्ही बेटी से मिल लेना जिसकी मुसकान सौ दर्द की दवा है. वैसे सच तो ये है कि रुनझुन कितनी भी बड़ी हो जाए...हम सबकी तो नन्ही परी ही रहेगी हमेशा...GOD BLESS HER.
ReplyDelete…रुनझुन से मिलकर अच्छा लगा...
ReplyDeleteसैगात हम सबसे सांझा करने के लिए शुक्रिया .मन खुश हुआ" महा -लक्ष्मियों कोमिले , घर घर यही दुलार ,सब की यही पुकार ,ऐसी चले बयार .
ReplyDeleteThursday, August 11, 2011
Music soothes anxiety, pain in cancer "पेशेंट्स "
.http://veerubhai1947.blogspot.com/ ( सरकारी चिंता राम राम भाई पर )
http://sb.samwaad.com/
ऑटिज्म और वातावरणीय प्रभाव। Environment plays a larger role in autism.
Posted by veerubhai on Wednesday, August 10
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Otizm, आटिज्म, स्वास्थ्य चेतना
ram ram bhai
बुधवार, १० अगस्त २०११
सरकारी चिंता .
बधाई रुनझुन...वाह …वाह …वाह …वाह …वाह …वाह …वाह …
ReplyDeletevery Nice Post ..
ReplyDeleteनमस्कार....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"
इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्
वहा से मेरे अन्य ब्लाग लिखा है वह क्लिक करके दुसरे ब्लागों पर भी जा सकते है धन्यवाद्
MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
बहुत हि शानदार पस्तुति
ReplyDeleteप्यारी रुनझुन जी ...आओ कान्हा का स्वागत करें ..जय श्री कृष्ण
ReplyDeleteकान्हा किसी भी रूप में आयें दुष्टों का संहार करें अच्छाइयों को विजय श्री दिलाएं ..आन्दोलन सफल हो
...जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं आप सपरिवार और सब मित्रों को भी
भ्रमर ५