Sunday, April 22, 2012

आज है पृथ्वी दिवस



हाँ, आज पृथ्वी दिवस (Earth Day) है... और हर जगह आज इसकी चर्चा भी है... किसी भी स्पेशल दिन पर हम उससे सम्बंधित बातें तो बहुत ढेर सारी करतें हैं लेकिन फिर अगले ही दिन हम सब-कुछ भूल जाते हैं... तभी तो हमारी पृथ्वी दिनों-दिन अपना सौंदर्य खोती जा रही है... लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब तो हम बच्चे भी जागरूक हो रहे हैं... अब हमें भी पता है कि हमारी पृथ्वी को हरा-भरा स्वस्थ और सुन्दर बनाये रखने के लिए हमें पर्यावरण-प्रदूषण को रोकना है, पानी के दुरुपयोग को रोकना है, पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों की रक्षा करनी है... हम इसके लिए पूरा प्रयास करेंगे और वो दिन दूर नहीं जब हमारी छोटी-छोटी कोशिशें रंग लायेंगी और हमारी ये ख़ूबसूरत धरती और भी निखर उठेगी...  


To save our Mother Land, 
I also lend my hand... 


पेड़ लगाओ, वृक्ष उगाओ |
धरती माँ को स्वस्थ बनाओ ||


तो आज के इस स्पेशल दिन चलिए मैं आपको एक ऐसी दुनिया में ले चलती हूँ... जो मुझे उतनी ही पसंद है जितनी अपनी पृथ्वी... और ये है मेरे रंगों की इन्द्रधनुषी दुनिया... इस दुनिया में आपको चारों तरफ सुन्दर, चमकीले ढेर सारे रंग ही रंग दिखाई देंगे... बिलकुल वैसे ही जैसे हमारी सुन्दर धरती पर चारों तरफ सुन्दर-सुन्दर रंग बिखरे हैं...... मैं एक एक करके इन सारे रंगों से आपको मिलवाऊँगी.... लेकिन सबसे पहले आइये आपको दिखाती हूँ वो रंग जिसने मुझे मेरी लाइफ का पहला पुरस्कार दिलाकर मुझे बहुत बड़ी खुशी दी थी... और सबसे बड़ी बात ये है कि ये भी हमारी धरती से ही रिलेटेड है... लेकिन रुकिए....मुझे उससे पहले आपको और कुछ भी बताना है....


ये तब की बात है जब मैं यू.के.जी. की वार्षिक परीक्षाएँ देकर खाली ही हुई थी एक दिन मैंने पेपर में एक advertisement देखा... "बिहार राज्य पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड" की ओर से "On spot drawing competition" होने वाला था। मैंने मम्मी-पापा को वो ऐड दिखाया और मेरा नाम मम्मी-पापा ने रजिस्टर करवा दिया....टॉपिक था- रंग बिरंगे फूल, पहाड़, और तितलियाँ आदि....बस फिर किस बात कि देर थी?...शुरू हो गयी मेरी फर्स्ट ड्राइंग कम्पटीशन की तैयारी... आखिरकार कम्पटीशन का दिन आ गया...और मैं पेपर में लिखे पते पर पापा के साथ चल पड़ी....बाप रे!!! वहाँ तो इतने सारे लोग थे.... मैं इतने सारे लोगों का मुकाबला कैसे कर पाउंगी?.....
लेकिन मन में अगर हम कुछ करने की ठान लें तो हमें कोई नहीं रोक सकता..है ना फ्रेंड्स?


सबसे पहले हम जिस जगह पर गए वह एक बड़ा-सा मैदान था और हमें उसी मैदान में बैठकर ही ड्राइंग बनानी थी... हमें एक-एक बड़ी सी ड्राइंग शीट दे दी गई... मैंने अभी अपनी ड्राइंग बनानी शुरू ही की थी कि तभी बारिश शुरू हो गई!!!... इन्द्र भगवान की वर्षा से हम बच्चों की सारी Drawings खराब हो गयीं थीं पर इंद्र भगवान ने अगर गड़बड़ की थी तो उन्होंने ही सब ठीक भी कर दिया और हमारे कम्पटीशन को पोस्टपोन  नहीं होने दिया... वहाँ से हम सब ''बिहार राज्य पर्यावरण प्रदूषण कण्ट्रोल बोर्ड'' के ऑफिस में गए और वहाँ पर अपनी Drawings को कन्टीन्यू किया...

फिर शुरू हो गई मेरी गर्मी की छुट्टियाँ.....मैं मम्मी और भाई के साथ अपने नानी के घर बनारस चल दी..और पापा पटना में ही थे... कुछ ही दिनों बाद उन्हें एक फ़ोन कॉल आया कि आपकी बेटी, प्रांजलि दीप ''बिहार राज्य पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड'' कम्पटीशन में सेकेंड आई है!!!! पापा ने फ़ोन करके मुझे बताया... मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं इतनी अच्छी ड्राइंग करती हूँ!!!... मैं बहुत-बहुत खुश हुई... 


ये रही मेरी सेकेण्ड प्राइज़ विनिंग ड्राइंग और विजेता कप.....


Second Prize
Save Trees... Save Environment


और अगले वर्ष फिर "बिहार राज्य पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड" के द्वारा ये प्रतियोगिता आयोजित की गयी... इस बार मेरी कैटिगरी के लिए विषय था... "हमारी पृथ्वी"  मुझे लगा कि सिर्फ़ हरी-भरी और पानी वाली पृथ्वी तो सभी बनायेंगे लेकिन मुझे भविष्य की पृथ्वी से सबका परिचय करवाना चाहिये... दोस्तों! आप सब तो ये जानते ही होंगे कि यदि हम पृथ्वी के गहनों यानी वृक्षों को काटते हैं तो हम हमारी पृथ्वी को भी हानि पहुंचाते हैं... तो मैंने भी अपनी ड्राइंग के द्वारा यही विचार व्यक्त करने की कोशिश की... आप सब भी देखिये....


Save trees... Save our Mother Land


तो मित्रों, आप समझ गए न कि यदि हम पेड़ों को काटेंगे तो धरती एक दिन यूँ ही टूट कर बिखर जायेगी... और मेरा यह सन्देश शायद निर्णायक मंडल ने समझ लिया...  तभी तो मुझे इस बार प्रथम पुरस्कार मिला... 


First Prize !!!


इन पुरस्कारों की वजह से मेरा नाम पटना के कई अखबारों में भी प्रकाशित हुआ.....





































तो मित्रों अब पृथ्वी के भविष्य को बदलने के लिए हम सभी को हाथ बंटाना होगा, हमारी धरती को हरा-भरा बनाकर.... तो चलिए हम सब आज संकल्प लें कि हम अपनी प्यारी धरती को नष्ट नहीं होने देंगे और धरती के भविष्य को बदल कर दिखायेंगे... !!! 

Happy World Earth Day to all my Friends !!!!  



12 comments:

  1. बढ़िया संदेश दिया है आपने, धरा को बचाने के उपाय सोचने होंगे!

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  2. बचा लो धरती, मेरे राम-
    सात अरब लोगों का बोझ, अलग दूसरी दुनिया खोज |
    हुआ यहाँ का चक्का जाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 1 !
    सिमटे वन घटते संसाधन, अटक गया राशन उत्पादन |
    बढ़ते रहते हर दिन दाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 2|


    बढे मरुस्थल बाढ़े ताप, धरती सहती मानव पाप |
    अब भूकंपन आठों-याम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 3 !
    हिमनद मिटे घटेगा पानी, कही बवंडर की मनमानी |
    करे सुनामी काम-तमाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 4 !


    जीव - जंतु के कई प्रकार, रहा प्रदूषण उनको मार |
    दोहन शोषण से कुहराम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 5 !
    जहर कीटनाशक का फैले, नाले-नदी-शिखर-तट मैले |
    सूक्ष्म तरंगें भी बदनाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 6 !


    मारक गैसों की भरमार, करते बम क्षण में संहार |
    जला रहा जहरीला घाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 7 !
    मानव - अंगों का व्यापार, सत्संगो का सारोकार|
    बिगढ़ै पावन तीरथ धाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 8 !

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  3. ओहो याद आया....इन दोनों अवार्ड्स की ट्रीट बाकी है...और न भी हो तो इस पोस्ट की ही ट्रीट सही....( JHV में पिज़्ज़ा....ही-ही-ही-ही) वैसे jokes apart...we really proud our beti Pranjali Deep जिसने हमेशा हम सबका नाम हर काम में रोशन किया है...GOD BLESS YOU MY CHILD...

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    1. thanks a lot mausi!!!
      सारी treets बनारस आने के बाद मिलेगी...

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  4. Nice to this.... Achchi lagi Post...

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  5. dharti maa se releted mai spritual batati hu .....ek baar dhari pure samundra me dub gaii to bagawan vishanu ko varah (suar) ka avatar lena para aur vo darti ko samundra me jaa ke apane aage ki taraf jo sing hota ushi pe darti ko leker paani se bahar nikale .. tab dhari ko abhimaan aa gaya ki mere bina kisi ka kaam nahi chal sakta dekho mujhe nikalne ke liye bhagawan ko aana pra .....jab vo paani se bahar nikali to dekhati hai ki voha to pahale se ek darti hai ushape sunder-sunder phul khile hai .mor aur tarah -tarah ke pkshi the ,janwar char rahe the .......tab dhrti ka abhimaan vohi pe chur--chur ho gya ....aur vo dharti aur koi nahi swam vrindawan dham thi ....

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    1. वाह! ये तो एक बड़ी ही रोचक जानकारी है... थैंक्यू !!!

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  6. बहुत अच्छी पोस्ट है। बच्चों ही नहीं बड़ों को भी पर्यावरण जागरूकता की ज़रूरत है। अक्षय तृतीया पर मंगलकामनायें!

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  7. सार्थक संदेश देती बहुत सुंदर पोस्ट...शुभकामनायें !

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  8. रुनझुन जी बहुत बहुत शुभ कामनाये और मुबारक हो...बच्चों से हम बड़ों को सीख ले अब हरे भरे वृक्ष तो लगाना ही चाहिए .....ऐसे ही सदा चमकती रहो सितारे सा ...
    भ्रमर ५

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आपको मेरी बातें कैसी लगीं...?


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