हेलो फ्रेंड्स!
पिछले कुछ दिनों से मैं आप सबसे सिर्फ़ अपनी घूमने की ही बातें की जा रही हूँ.... आप सब सोच रहे होंगे कि मैं सिर्फ़ घूमती ही रहती हूँ..लेकिन ऐसी बात नहीं है... मैं घूमने के साथ-साथ पढ़ने-लिखने और खेलने में भी दिलचस्पी रखती हूँ... और जब चित्रकारी की बात आती है तो वो तो मेरा passion है.... चाहे मैं किसी भी हाल में रहूँ... अगर किसी ने कार्ड बनाने या स्कूल के किसी प्रोजेक्ट के लिए कह दिया तब तो मुझे वह करना ही है... बहुत कुछ है मेरे पास, जो मैं आप सबसे शेयर करना चाहती हूँ... अरेरेरे!!!........ एक मिनट.... मैं भी क्या-क्या बातें करने लगी.... मैं तो बस आज आप सबको अपनी लिखी कुछ टेढ़ी-मेढ़ी लाइनें दिखाना चाहती थी...
और ये रहीं वो लाइनें... साथ में मेरे द्वारा बनाया चित्र भी है....
और ये रहीं वो लाइनें... साथ में मेरे द्वारा बनाया चित्र भी है....
प्रेम की भाषा
हम्म्म्म....तो कैसी लगी आप सबको मेरी यह अनगढ़ कविता.....? वैसे आपको एक बात बताऊँ....ये कविता मैंने तब बनाई थी जब मैंने कवियत्री महादेवी वर्मा की कहानी ''गिल्लू'' पढ़ी थी.....
अच्छा अब चलती हूँ अगली बार फिर आऊंगी अपनी किसी और Creativity के साथ... तब तक के लिए बाय...!!!!!!!!
बहुत खूब लिखा आपने .सुंदर रचना.
ReplyDeleteबहुत प्यारी कविता लिखी है डियर ।
ReplyDeleteऐसे ही लिखती रहो ,खूब आगे बढ़ो।
वाह बहुत खूब ...
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - चुनिन्दा पोस्टें है जनाब ... दावा है बदहजमी के शिकार नहीं होंगे आप - ब्लॉग बुलेटिन
bahut sundar ..:))
ReplyDeletebahut hi pyari.....:)
ReplyDeletewaah ...
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