कल आपको मैं "बैद्यनाथ धाम" के बारे में बता रही थी न !.... लेकिन वो तो थी उस दिन की first half की बातें... खाना खाने और कुछ देर आराम करने के बाद हम लोग "नंदन पहाड़" घूमने गए.... वहाँ मैंने खूब इन्जॉय किया... और एक बात बताऊँ... बहुत दिनों तक मुझे पहाड़ के नाम पर वही एक पहाड़ याद आता था... अब सोचती हूँ वो तो कितना छोटा सा पहाड़ था... लेकिन पहाड़ तो आखिर पहाड़ ही होता है ना... :)
वहाँ उस छोटे से नंदन पहाड़ पर खूब ढेर सारे झूले थे... इतने सुन्दर-सुन्दर कि मन करता है कि सारे झूलों को अपने घर ले आऊँ और दिन भर इनके साथ खेलूँ.... काश! ऐसा हो पाता.....
पता है खूब सारी सीढ़ियाँ चढ़ कर जब हम पार्क के गेट के अंदर पहुंचे तो इन्ट्रेन्स पर ही हमें एक बहुत बड़ी सी दैत्याकार मूर्ति मिली... मैं तो उसे देखते ही डर गयी मुझे लगा यही लंका का राजा रावण है, लेकिन मम्मी ने बताया कि ये नंदी की मूर्ति है और ये यहाँ पर सबके स्वागत के लिए बनायीं गयी है फिर मम्मी मुझे उसके पास ले गईं... मैंने उसे छूकर देखा तब मेरा डर गायब हो गया...
बाप रे!!! कितनी विशाल मूर्ति है ना !!!!! |
फिर हम आगे बढ़े, जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ती, नई-नई चीज़े देखकर कभी हैरान होती... कभी खुश होती तो कभी डर जाती.... और क्यों न हो वहाँ थी ही ऐसी-ऐसी चीज़े.... रंग-बिरंगे फ़ूलों से भरा हुआ पूरा पार्क किसी खिलौने के जैसा सुन्दर लग रहा था... मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी Fairy Land में आ गई हूँ.... मैं तो झट से चढ़कर उन झूलों पे बैठ गई....
सच बताऊँ, इस झूले पर मुझे थोड़ा-थोड़ा डर भी लग रहा था...! |
लेकिन इस पर मैं ज़रा भी नहीं डरी...:) |
तभी मम्मी ने हमें एक और मज़ेदार चीज़ दिखाई.....
वो देखो.... दूsssर खड़े राक्षस को.... कितनाsss बड़ा है... |
अरे!!! ये क्या..... ये तो पक्का रावण ही होगा..... लेकिन नहीं, थोड़ा पास जाकर देखा तो पता चला... कि ये तो एक बहुत ही मज़ेदार स्लाइडर है... इसके कान में से घुसो और मुँह में से सरक के बाहर आ जाओ... हा-हा-हा मज़ेदार!!!!!
मैं दिख रही हूँ ना!... मुँह के अंदर...ही-ही-ही.... |
ये एक और स्लाइडर... ड्रैगन जैसा..... बाप रे!!!!
यहाँ भी मुझे ड्रैगन के मुँह में से ही निकलना पड़ा...:) |
इतना घूमते-घूमते अचानक वहाँ बहुत ज़ोर से हवा चलने लगी और मुझे ठंड लगने लगी... लेकिन हम कुछ भी गरम कपड़े तो लेकर गए नहीं थे, तब मम्मी ने एक तरकीब निकाली और मुझे अपनी चुन्नी से ढक दिया.... बस फिर क्या था ठंड गायब....
और तभी अचानक मुझे मिस्टर राइनो दिखाई दिए......देखिये कैमरा देखते ही अच्छा-सा पोज़ बना लिया.....राइनो जी! स्टाइल में रहने का!!!!
और तभी अचानक मुझे मिस्टर राइनो दिखाई दिए......देखिये कैमरा देखते ही अच्छा-सा पोज़ बना लिया.....राइनो जी! स्टाइल में रहने का!!!!
वैसे सच बताऊँ...ये तो एक डस्टबिन है ...:) |
अरे ये कौन हैं?..... बताइये बताइये...... .भई जो भी हो, पर भाई तो इनको देखकर डर गया.... देखिये उनके पास आने को ही तैयार नहीं.....
मैं तो अभी-भी सोच रही हूँ कि आखिर ये हैं कौन ??? आपको कुछ समझ में आया क्या..??? |
अरे बाप रे!! मेरा हाथ हिप्पोपोटेमस (Hippopotamus) के अंदर!!....... जल्दी करिये वर्ना हिप्पो तो मेरे हाथ को खा जायेगा....
बन गए न बुद्धू!!! अरे, मैं तो इसमें कचरा डाल रही हूँ... |
और ये देखिये, ये हैं बंदरिया और उसका बच्चा... पहले तो मेरा मन किया कि मैं बंदरिया के पास बैठ जाऊं..... पर पापा ने समझाया कि ये ''बन्दर फ़ैमिली'' सिर्फ देखने के लिए ही है, इसे हम छू नहीं सकते...
भाई भी उनके जैसा ही लग रहा है ना !!!...ही-ही... |
वहाँ ढेर सारे प्यारे-प्यारे, सुन्दर-सुन्दर फूल थे फौव्वारा भी था, लेकिन अफ़सोस हम बस इतनी ही देर घूम पाए क्योंकि वहाँ हल्की- हल्की बारिश शुरू हो गयी और हमें वापस लौटना पड़ा.... कोई बात नहीं...Better luck next time....:)
ये रहे हम, फूल- पत्तियों और बारिश के बीच.... |
लौटते समय एक बार फिर नंदी जी हम सब से मिले... और इस बार मैंने उनको थैंक्यू कहा......
अरे रुकिए !... अभी पहाड़ से उतरना बाकी है... |
ये देखिये इत्तीsssss ढेर सारी सीढ़ियाँ चढ़ कर हम ऊपर पहुंचे थे और अब इतनी सारी सीढियाँ उतरनी भी पड़ेंगी.....
कोई बात नहीं मैं तो हूँ ही घुमक्कड़..... और घुमक्कड़ लोग तो थकते नहीं.. है ना!! |
सचमुच, खूब मज़ा आया नंदन पहाड़ की यात्रा करके.... मन कर रहा था कि यहीं पर रह जाऊं.... पर ये तो हो नहीं सकता था क्योंकि हमें वापस घर जाना था... रात में हमारी ट्रेन भी थी... तो येsss हम वापस चले... बाय- बाय नंदन पहाड़!!!!
तो थी ना ये एक मज़ेदार ट्रिप....नंदन पहाड़ की?
आपके साथ साथ हम भी घूम लिए नन्दन पहाड़.... :) सुन्दर तस्वीरें.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और मनभावन चित्रण |
ReplyDeleteमेरे धनबाद से १२५ किलोमीटर है बाबाधाम |
ढेर सारा प्यार रुनझुन ||
थैंक्यू आंटी मेरे ब्लॉग पर आने और पसंद करने के लिए...
ReplyDeleteआशा करती हूँ कि आप सबके आशीर्वाद और प्रोत्साहन से मैं आगे भी ऐसे ही लिखती रहूंगी...Once again, Thanks a lot
बहुत सुन्दर चित्रमय वर्णन...शुभकामनायें...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeletesuperbbbbbbbb reporting dear...love u.!!!
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