आप सभी को ईद की ढेर सारी मुबारकबाद !!!
ये महीना तो त्योहारों का महीना है एक के बाद एक ढेर सारे त्योहार.... हमारे देश में त्योहारों की कमी नहीं... हिन्दू , मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी के त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाये जाते हैं... इसके अलावा विविधता से भरे हमारे देश के किसी भी प्रान्त में चले जाइये तो वहाँ के भी विशिष्ट त्योहार उतनी ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाये जाते हैं... हम बड़े ही गर्व से कहते हैं कि हमारा देश विविधता में एकता वाला देश है... अलग-अलग प्रान्त... अलग-अलग वेश-भूषा और अलग-अलग बोलियों के बावजूद हम सब एक हैं... शुरू से ही हम स्कूलों में और घरों में यही सीखते और जानते चले आ रहें हैं और हमें अपनी इस अनूठी एकता पर गर्व भी होता है...
लेकिन जब मैं दो दिन पहले समाचार देख रही थी तो मैंने देखा कि कैसे उत्तर-पूर्वी भारत के लोग डर के मारे बैंगलोर से भाग रहे हैं तो मैं बहुत घबरा गई मुझे ये सब देखकर ज़रा भी अच्छा नहीं लग रहा था... कभी मुंबई तो कभी बैंगलोर तो कभी कहीं और... आए दिन इस तरह की घटनाएँ होती रहती हैं और तब मैं सबसे यही पूछती हूँ कि ऐसा क्यों हो रहा है...?? मुझे बहुत दहशत होती है... मैं किसी के भी उत्तर से संतुष्ट नहीं हो पाती... जब हम सब भारतीय हैं, पूरा देश हमारा अपना है तो फिर हम अपने ही देश में कहीं भी क्यों नहीं रह सकते...??? अपने ही देश के अंदर अलग-अलग प्रान्तों के बीच ये भेद-भाव क्यों...??? मुझे ये सब सोच कर बहुत घबराहट होती है ऐसा क्यों होता है ???...
मेरा ननिहाल उत्तर-प्रदेश में है, ददिहाल झारखंड में हैं और मैं इन दो जगहों के अलावा बिहार और छत्तीसगढ़ में भी रह चुकी हूँ और फ़िलहाल आज कल मैं गुजरात में हूँ... मुझे तो कोई अंतर नहीं लगता... सब जगह एक जैसी ही प्यारी लगती है... वही धरती वही आसमान... तो क्या मुझे यहाँ नहीं रहना चाहिये... ?????
जहाँ एक दिन मैंने ये न्यूज़ देखी वहीं दूसरे ही दिन किसी चैनल पर दिखाया जा रहा था कि कुछ लोग पाकिस्तान से भागकर भारत आए हैं और वो शरणार्थी कैम्प में रह रहें हैं... उनका कहना है कि वो यहाँ सब्जी बेचकर भी अपना पेट पाल लेंगे लेकिन वापस पाकिस्तान नहीं जायेंगे क्योंकि वो यहाँ ज़्यादा सुरक्षित हैं... तो मैं ये सोच में पड़ गयी कि ये कैसी कंट्रोवर्सी है... एक तरफ़ तो हमारे देश में दूसरे देश से आए लोगों का स्वागत किया जा रहा है और वहीं दूसरी तरफ़ हम अपने देश के अंदर ही एक से दूसरे प्रान्त वालों के प्रति बैर भाव रख रहे हैं.... आखिर ऐसा क्यों है.....???
हमें इन सब छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठकर पूरे देश के बारे में सोचना चाहिए... ओलंपिक में मेडल्स जीतने वाले गगन नारंग, सायना नेहवाल, योगेश्वर दत्त, विजय कुमार, मेरी कॉम, सुशील कुमार आदि सभी अलग-अलग प्रान्त से हैं लेकिन उन्होंने ये पदक जीतकर किसी एक प्रान्त का नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है... हम सबको गर्व है इनपर
तो आइये प्रेम और भाईचारे के इस त्यौहार को हम सच्चे अर्थों में मनाएं और एक दूसरे के साथ प्यार और खुशियाँ बाँटे... बिना किसी भेद-भाव के....
ईद मुबारक हो तुझे ऐ मेरे वतन
हमारी दुआओं का कुछ ऐसा हो असर
मुहब्बत की खुशबू से महक उठे हर चमन
ईद मुबारक हो तुझे ऐ मेरे वतन
ReplyDeleteहमारी दुआओं का कुछ ऐसा हो असर
मुहब्बत की खुशबू से महक उठे हर चमन
ईद मुबारक ईद मुबारक ईद मुबारक ईद मुबारक ईद मुबारक
cute blog sweetheart.Hugs from Brazil
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और गहरी बात कही है रुनझुन आपने आपको भी ईद मुबारक !
ReplyDeleteआज 27/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
ReplyDeleteगहन अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteEid Mubarak.
ReplyDeleteबेहतरीन रचना.