तो फ्रेंड्स कैसी लगी मेरी वैष्णों देवी की यात्रा ?.... लेकिन एक मिनट रुकिए... मेरी पहाड़ी यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है... हम लोग बहुत ज़्यादा जगह तो नहीं गए थे लेकिन वापस जम्मू आकर एक पूरा दिन हमने जम्मू में बिताया... तो वहाँ मैंने क्या-क्या देखा ये आप जानना नहीं चाहेंगे ?.... हम्म्म्म मैं जानती हूँ... आप ज़रूर जानना चाहेंगे... तो फ़िर देर किस बात की ?.... चलिए चलते हैं... आगे बढ़ते हैं....
एक रात विश्राम के बाद हमारी बस फ़िर चल पड़ी... खाते-पीते, गेम खेलते, हम चले जा रहे थे कि अचानक हमारी बस एक जगह रुक गई.... हम सब उतर कर इधर-उधर देख ही रहे थे कि एक गेट दिखाई दिया जिसपर लिखा था... "बाग-ए-बहू".... बस फिर क्या था हम उस गेट के अंदर चल दिए.....
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अभी फ़ोटो खिंचवाने का टाइम नहीं है...पहले बाग में घूम लें....जल्दी- जल्दी |
अंदर का नज़ारा तो हम बस देखते ही रह गए... खूब सारे रंगबिरंगे फ़ूलों से भरा हरा-भरा बहुत ही सुन्दर बाग था ये....इतना-इतना-इतनाsss.... सुन्दर कि मैं क्या बताऊँ... बस अब आप खुद ही देख लीजिए...
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ये तो बस बाग का एक छोटा सा हिस्सा है....
पूरे बाग की फ़ोटो को कैमरे में कैद नहीं कर सकते थे ना....:( |
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Smile please!!!:) |
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ये रही बाग के पहाड़ की चढ़ाई
(मेरा मतलब मेरे पीछे देखिये पहाड़ी बाग की सीढियां) |
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मिट्टी से बनी कलाकृतियाँ |
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प्यारे-प्यारे फूलों के साथ मैं |
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हा हा हा! ऊपर से तो कश्मीरी कपड़े हैं पर ज़रा नीचे तो नज़र डालिए!!! |
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भाई इस ड्रेस में कितना Sweet लग रहा है.... है ना !!! |
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गब्बू मामा और मैं... |
बाग-ए-बहू के बाद हम सब "अमर पैलेस म्यूज़ियम" गए...ये है तो एक पैलेस पर अब इसे म्यूज़ियम के नाम से ही जाना जाता है....ये पैलेस तवी नदी के दाहिनी तरफ स्थित है....आइये, ज़रा इस पैलेस में चलते हैं...
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कितना आलीशान महल है न ये!!!! लेकिन नहीं ये महल नहीं बल्कि उसकी प्रतिकृति है |
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Golden Throne !!!... पर इसे हम छू भी नहीं पाए बस बाहर से ही देख सके...:( |
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अरे बाप रे मेरा भाई कितना बहादुर है.....Brave boy! |
वहाँ एक फ़ोटो गैलरी भी थी जिसमें दशावतार की बहुत सारी Modern Paintings लगी थी उन्हीं में ये भी थी....
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मत्स्य अवतार !!! |
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कुण्डलिनी जागरण... अरे!!!! ज़रा मेरे प्रशांत मामा की आँखों को तो देखिये...:) |
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अमर पैलेस के Garden में सैर.... |
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पैलेस से तवी नदी का एक मनोरम दृश्य !!! |
वहाँ एक और जगह भी हम गए थे जो अभी पूरी तरह से बना नहीं था लेकिन फिर भी जितना बना वो भी बहुत सुन्दर लग रहा था... मुझे ठीक से तो याद नहीं लेकिन ये शायद अखंड ज्योति संसथान द्वारा बनवाया जा रहा स्थान है... यहाँ सभी भगवान जी के ढेर सारे मंदिर और विशालकाय मूर्तियां थी और इस स्थान का नाम रखा गया है... "हरिद्वार".... अरे नहीं नहीं चौकिये नहीं... ये उत्तराँचल वाला हरिद्वार नहीं जम्मू में बन रहा नया नया हरिद्वार है... ये देखिये वहाँ की मूर्तियां....
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ये देखिये मंदिर की छत पर बने बड़ेssss से गणपति !!! |
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और ये विशालकाय बजरंगबली... बाप रे !!!... कितने बड़े!!!!! |
ये हमारी यात्रा का अंतिम पड़ाव था.... इसके बाद हम लौट चले वापसी की यात्रा पर... और एक बार फिर से आ गए जम्मू स्टेशन...
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टा-टा जम्मू शहर.... बहुत मज़ा आया यहाँ.... मैं फिर आऊँगी.....सायोनारा...!!!!!!! |
चलिए अब आप सब भी वापस आ जाइये जम्मू की चिलचिलाती ठंड से निकलकर, अप्रैल की गर्मी में.... स्लीपिंग बैग्स, स्वेटर वगैरह पैक करके रख दीजिए... ठंडी-ठंडी लस्सी या शरबत पीकर अपनी गर्मी दूर भगाइए तब तक मैं भी आती हूँ.... बस थोड़ा सा आराम करके....
बाय-बाय....!!!!.... सायोनारा !!!!