मिलिए इनसे... ये हैं हमारी नन्ही Gardener इन्हें पौधों से बहुत प्यार है... बल्कि यूँ कह सकते हैं कि पौधे इनके सबसे अच्छे दोस्त हैं... तो आइये ज़रा झाँकते हैं रुनझुन के अनोखे दोस्तों की इस हरी-भरी दुनिया में...
घंटों पौधों के पास बैठकर उनसे ढेरों बातें करना, प्यार से पत्तियों को छूना, रुनझुन को बहुत पसंद है, उन्हें वो कभी-भी तोड़ती या नुकसान नहीं पहुँचाती है... बल्कि उनके साथ खूब खेलती है और खेलते-खेलते जब इन दोस्तों को प्यास लगती है तो उन्हें पानी पिलाने का काम रुनझुन खुद ही करती है...
घंटों पौधों के पास बैठकर उनसे ढेरों बातें करना, प्यार से पत्तियों को छूना, रुनझुन को बहुत पसंद है, उन्हें वो कभी-भी तोड़ती या नुकसान नहीं पहुँचाती है... बल्कि उनके साथ खूब खेलती है और खेलते-खेलते जब इन दोस्तों को प्यास लगती है तो उन्हें पानी पिलाने का काम रुनझुन खुद ही करती है...
ये देखिये ये है "जग" मेरे दोस्तों को पानी पिलाने के लिए |
हाँ, "जग" की साइज़ ज़रा ज़्यादा बड़ी है इसलिए थोड़ी मुश्किल तो ज़रूर होती है लेकिन कोई बात नहीं दोस्तों के लिए इतनी परेशानी तो उठाई ही जा सकती है...
...एक दोस्त, जो कहीं छुपा बैठा है... ये देखिये... वो यहाँ है...
इसे भी तो प्यास लगी होगी न!!! |
और फिर...
कुछ दिनों बाद....
उन दोस्तों ने भी दोस्ती का सुन्दर सा उपहार अपनी इस नन्ही सी दोस्त को दिया...
Wow! कितनेsss प्यारे गुलाब!!! |
सचमुच! ये हैं मेरे सबसे अच्छे दोस्त! |
छोटे-छोटे लेकिन बहुत ही प्यारे!!! |
बिलकुल अनूठे बड़े ही न्यारे है मेरे दोस्त! ये न तो कभी आपस में लड़तें-झगड़ते हैं और न ही कभी मुझसे नाराज़ होतें हैं... ये तो बस मेरे साथ नाचते-गाते, झूमते-मुस्कुराते, खेलते हैं और खुश होकर मुझे रंग-बिरंगे सुगन्धित फूल, ढेर सारा ऑक्सीजन और खूब सारी ठंडी-ठंडी हवाएँ गिफ्ट देते है... है न ये बिलकुल
अनोखे और अनमोल दोस्त!!!
वाह क्या अठखेलियाँ हैं ..जीवन और प्रकृति का अनुपम संगम
ReplyDeleteहाँ पेड़ पौधे हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं...... सुंदर पोस्ट
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी फोटो है रुनझुन की .....काश हम भी बच्चे ही होते
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा। पेड़ पौधों से अच्छा कोई दोस्त नहीं होता।
ReplyDeleteइस दोस्ती को हमेशा बनाए रखना।
बहुत अच्छा लगा आपके दोस्तों से मिलकर.
ReplyDeleteअच्छी दोस्ती है रुनझुन keep it up ...
ReplyDeleteसचमुच, पेड़ हमारे सबसे वफादार दोस्त हैं।
ReplyDelete------
कब तक ढ़ोना है मम्मी, यह बस्ते का भार?
आओ लल्लू, आओ पलल्लू, सुनलो नई कहानी।
बहुत ही बढि़या ...।
ReplyDeleteसचमुच पेड़ पौधों से अच्छा मित्र कोई नहीं....
ReplyDelete"आईये आज एक पेड़ लगाते हैं
आईये सब मिल हरियाली गाते हैं"
बढ़िया प्रस्तुति...
सादर...
maine toh humesha se kaha tha.. yeh komal mausi ki hi beti hai :)
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteआपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...
आप भी मेरे ब्लाग पर आये और मुझे अपने ब्लागर साथी बनने का मौका दे मुझे ज्वाइन करके या फालो करके आप निचे लिंक में क्लिक करके मेरे ब्लाग्स में पहुच जायेंगे जरुर आये और मेरे रचना पर अपने स्नेह जरुर दर्शाए...
BINDAAS_BAATEN कृपया यहाँ चटका लगाये
MADHUR VAANI कृपया यहाँ चटका लगाये
MITRA-MADHUR कृपया यहाँ चटका लगाये
बहुत अच्छा लगा आपके दोस्तों से मिलकर|
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आपके दोस्तों से मिलकर.
ReplyDeletenice pictures runjhun di happy dusheera.
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