इस बार रुनझुन खुद आपके साथ बातें करने वाली थी लेकिन अगले महीने यानि मार्च में रुनझुन की वार्षिक परीक्षाएँ हैं और आज-कल रुनझुन रिवीज़न टेस्ट में व्यस्त है इसलिए रुनझुन की बातों का सिलसिला फिलहाल मैं ही जारी रखती हूँ... रुनझुन के फ्री होने तक....
नन्हे-मुन्ने भाई के आ जाने से रुनझुन सचमुच बड़ी और बहुत ही समझदार दीदी बन गयी थी... भाई के साथ रुनझुन बहुत ही प्यार से रहती और खूब खेलती....
नन्हा भाई दीदी की गोद में |
मस्ती ही मस्ती ! |
छोटे से भाई की नन्ही सी दीदी |
जल्दी ही रुनझुन बनारस से मुज़फ्फरपुर वापस आ गयी और अब भाई के साथ मस्ती करने के साथ ही साथ रुनझुन की पढ़ाई और स्कूल का सिलसिला फिर से शुरू हो गया....
स्कूल के लिए तैयार... |
लेकिन भाई को छोड़कर जाने का मन नहीं... |
और अब ये देखिये.....
अरे हंसिये नहीं स्कूल ही जा रहीं हूँ पर.. अब बारिश का मौसम आ गया है... |
और भी ढेर सारी बातें... अगली बार.....
कल 09/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सुन्दर........ धन्यवाद।
ReplyDeleteBadhiya hai sari baaten.....
ReplyDeleteअरे वाह आप तो बड़ी प्यारी दीदी हैं
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteसुन्दर..
सस्नेह.
यूँ ही जारी रखो सिलसिला बातों का ..:):)
ReplyDeleteअत्यंत सुन्दर ..
ReplyDelete