ॐ सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी | विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा || |
विद्या की देवी हंसवाहिनी माँ सरस्वती को मेरा शत-शत नमन !!!
नमस्कार दोस्तों !
कैसे हैं आप सब ?
वसंत पंचमी के पावन अवसर पर विद्या की देवी माँ सरस्वती विद्या और ज्ञान का भंडार लेकर आपके घर पधारे...यही प्रार्थना है मेरी
दोस्तों, यहाँ गांधीधाम में सरस्वती पूजा के बारे में कुछ पता ही नहीं चलता... स्कूल भी खुले रहते हैं और अन्य दिनों की तरह ये दिन भी बीत जाता है लेकिन...... जब मैं पटना में रहती थी तब हम सब इस दिन को खूब धूम-धाम से मनाते थे .... छोटे से लेकर बड़े तक इस पर्व का हिस्सा बनते थे....
ग्राउंड फ्लोर पर माँ सरस्वती का पंडाल बनता था जहाँ एक दिन पहले ही उनकी मूर्ति रखी जाती थी... अपार्टमेंट के सारे बच्चे मूर्ति का मुंह खुलने के पहले पंडाल को सजाया करते थे और फिर पूजा के दिन हम सब साड़ियाँ पहन कर पूजा के लिए इकट्ठे हो जाया करते थे... उस दिन पूजा में बच्चे ही मुख्य होते थे... बड़े बच्चे जो 10th या 12th क्लास में होते थे वो उस वर्ष मुख्य पूजा में बैठते थे.... पूजा के बाद हम सब बच्चे और बड़े सारे दिन हर आने-जाने वालों को प्रसाद वितरित करते थे.... शाम को कल्चरल प्रोग्राम भी होते थे....
अगले दिन दोपहर तक माँ का विसर्जन होता था... लगभद डेढ़ दिन के इस पर्व का हम सब बच्चे साल भर बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार करते थे...
कुछ तस्वीरें यादों के झरोखे से........
माँ सरस्वती के आँचल में मैं और मेरा भाई शाश्वत |
मैं और मेरी मित्र-मंडली विभिन्न मुद्राओं में......
ये है भाई की मित्र-मंडली.........
अभी-अभी मुझे मम्मी ने बताया कि यहाँ आदिपुर बंगाली असोसिएशन क्लब के द्वारा सरस्वती पूजा आयोजित की गयी है.... तो मैं जा रही हूँ माँ के दर्शन करने.... आपसे फिर मिलूंगी... तब तक के लिए आप सबको नमस्कार और वसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनायें !!!